मध्यप्रदेश के बजट से एमएसएमई क्षेत्र मायूस, उद्योग संघठनों की मिली जुली प्रतिक्रिया


वित्तीय-वर्ष 2017-18 के लिये मध्य प्रदेश के आज पेश बजट पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के एक प्रमुख संगठन ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि इसमें औद्योगिक विकास की ज्यादा संभावनाएं नजर नहीं आतीं। एसोसिएशन आॅफ इंडस्टीज मध्यप्रदेश के सचिव योगेश मेहता ने कहा, बजट में दूसरे क्षेत्राों का तो ध्यान रखा […]


Gujraat-budgetवित्तीय-वर्ष 2017-18 के लिये मध्य प्रदेश के आज पेश बजट पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के एक प्रमुख संगठन ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि इसमें औद्योगिक विकास की ज्यादा संभावनाएं नजर नहीं आतीं।

एसोसिएशन आॅफ इंडस्टीज मध्यप्रदेश के सचिव योगेश मेहता ने कहा, बजट में दूसरे क्षेत्राों का तो ध्यान रखा गया है। लेकिन इसमें औद्योगिक द्रष्टिकोण से विकास की ज्यादा संभावनाएं दिखायी नहीं देतीं।

उन्होंने कहा कि बजट में नौ नये औद्योगिक क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिये केवल 161 करोड़ रपये का प्रावधान किया गया है जो नाकाफी है।

मेहता ने कहा, हमने देखा है कि औद्योगिक क्षेत्र की अधिकांश जमीन बड़ी इकाइयों को दे दी जाती है और छोटे व सहायक उद्योगों के लिये पर्याप्त जमीन बचती ही नहीं है जबकि एमएसएमई क्षेत्रा ही सबसे ज्यादा रोजगार सृजन करता है।

उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी, आईटी पार्क और इलेक्टानिक्स निर्माण क्लस्टर की स्थापना के लिये 58 करोड़ रपये के बजट प्रावधान से इस क्षेत्रा के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

इस बीच, उद्योग मंडल एसोचैम ने मध्यप्रदेश के बजट की तारीफ करते हुए इसे संतुलित और विकासोन्मुखी करार दिया।

एसोचैम की विज्ञप्ति में कहा गया कि खेती-किसानी पर खास जोर देनेे, शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्राों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, सिंचाई सुविधाओं में इजाफे और उच्च व तकनीकी शिक्षा तक लोगों की पहुंंच बढ़ाने के बजट प्रावधानों से सूबे के आर्थिक विकास के एजेंडा को प्रोत्साहन मिलेगा।

Source: Outlook

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