बजट 2017: अब गांवों में छोटे पैक से बड़े बिजनस पर कन्ज्यूमर कंपनियों की नजर


आम बजट में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आवंटन बढ़ने के मद्देनजर कन्ज्यूमर गुड्स कंपनियों ने छोटे पैक और एंट्री-लेवल प्रॉडक्ट्स पर दोबारा फोकस करने की योजना बनाई है। बिस्किट मेकर ब्रिटैनिया के मैनेजिंग डायरेक्टर वरुण बेरी ने कहा कि कंपनी अपने एंट्री-लेवल बिस्किट ब्रैंड टाइगर को नए रंग-रूप में पेश करेगी। उन्होंने ईटी को बताया, […]


Union Budget 2017 copyआम बजट में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आवंटन बढ़ने के मद्देनजर कन्ज्यूमर गुड्स कंपनियों ने छोटे पैक और एंट्री-लेवल प्रॉडक्ट्स पर दोबारा फोकस करने की योजना बनाई है।

बिस्किट मेकर ब्रिटैनिया के मैनेजिंग डायरेक्टर वरुण बेरी ने कहा कि कंपनी अपने एंट्री-लेवल बिस्किट ब्रैंड टाइगर को नए रंग-रूप में पेश करेगी। उन्होंने ईटी को बताया, ‘छोटे शहरों और गांवों में 5 और 10 रुपये के पैक पर जोर दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में डिस्ट्रिब्यूशन मजबूत करना हमारी सबसे बड़ी कोशिश होगी।’

इंडस्ट्री के एग्जिक्युटिव्स ने कहा कि टैक्स में छूट से ग्रामीण इलाकों में डिमांड पर पॉजिटिव असर पड़ेगा क्योंकि कन्ज्यूमर के पास अधिक कैश होगा। इसके साथ ही, ऐग्रिकल्चरल और रूरल इनकम बढ़ाने, अफोर्डेबल हाउसिंग और गांवों में बिजली पहुंचाने और इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट पर सरकार के फोकस से दूरदराज के इलाकों की भी ग्रोथ बढ़ेगी।

देश की बड़ी एफएमसीजी कंपनी डाबर इंडिया के चीफ एग्जिक्युटिव सुनील दुग्गल ने कहा, ‘कंपनी डाबर रेड टूथपेस्ट जैसे मौजूदा ब्रांड्स के छोटे पैक लॉन्च करेगी और केवल ग्रामीण ग्राहकों के लिए हेयर ऑयल जैसी कैटेगरीज में प्रॉडक्ट लॉन्च करने पर भी विचार किया जा रहा है।’ डाबर का मौजूदा डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क 43,000 गांवों को कवर करता है जिनकी औसत जनसंख्या 3,000 की है। कंपनी की योजना अगले तीन क्वॉर्टर्स में डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क को बढ़ाने की है।

पैराशूट हेयर ऑयल बनाने वाली मैरिको के मैनेजिंग डायरेक्टर सौगत गुप्ता ने बताया, ‘कंपनी की योजना हेयर ऑयल जैसी कैटेगरीज में 2, 5 और 10 रुपये के पैक बढ़ाने की है। पिछले कुछ वर्षों में हमारी सेल्स में रूरल मार्केट्स की हिस्सेदारी 25 पर्सेंट से बढ़कर 33 पर्सेंट हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के मौके बढ़ने के साथ, हमें इस हिस्सेदारी में और वृद्धि होने की उम्मीद है।’

टीवी, फ्रिज वाली कंपनियां भी जोश में

टेलिविजन, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन बनाने वाली कंपनियां भी एंट्री-लेवल प्रॉडक्ट्स के लॉन्च, प्रमोशंस और डिस्ट्रिब्यूशन बढ़ाने जा रही हैं।

गोदरेज अप्लायंसेज के बिजनेस हेड कमल नंदी ने बताया, ‘2-4 लाख रुपये के इनकम ब्रैकेट में आने वाले कन्ज्यूमर, एंट्री-लेवल प्रॉडक्ट्स में अधिक दिलचस्पी लेते हैं।’

पिछले वर्ष नवंबर में नोटबंदी की घोषणा के बाद से टेलिविजन, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और माइक्रोवेव अवन की सेल्स पर बुरा असर पड़ा है। नवंबर में सेल्स 40 पर्सेंट तक कम रही थी। हालांकि, दिसंबर-जनवरी के दौरान इसमें सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी यह 10-15 पर्सेंट कम है।

हालांकि, इंडस्ट्री को उम्मीद है कि बजट में की गई घोषणाओं और गर्मियों के आने के साथ सेल्स वापस रफ्तार पकड़ लेगी।

विडियोकॉन के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सीएम सिंह ने कहा कि टैक्स कम होने से इनकम टैक्स देने वाली की संख्या बढ़ेगी और अधिक लोग अपनी इनकम घोषित करेंगे। इससे छोटे मार्केट्स में कन्ज्यूमर फाइनैंस के लिए भी स्थिति में सुधार होने का अनुमान है।

(By: रत्ना भूषण/ऋतंकर मुखर्जी)

Source: Economic Times

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