जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST), यह केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए गए 20 से अधिक अप्रत्यक्ष करों के एवज में लगाया जा रहा है। जीएसटी 1 जुलाई से पूरे देश में लागू किया जाना है. जीएसटी लगने के बाद कई सेवाओं और वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स समाप्त हो जाएंगे।
एक नजर इस टैक्स विशेष के बारे में-
जीएसटी लागू होने के बाद सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी (सीवीडी), स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम (एसएडी), वैट / सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन टैक्स, ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स, परचेज टैक्स, लक्ज़री टैक्स खत्म हो जाएंगे।
जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं एवं सेवाओं पर केवल तीन तरह के टैक्स वसूले जाएंगे. पहला सीजीएसटी, यानी सेंट्रल जीएसटी, जो केंद्र सरकार वसूलेगी। दूसरा एसजीएसटी, यानी स्टेट जीएसटी, जो राज्य सरकार अपने यहां होने वाले कारोबार पर वसूलेगी। तीसरा होगा वह जो कोई कारोबार अगर दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर आईजीएसटी, यानी इंटीग्रेटेड जीएसटी वसूला जाएगा। इसे केंद्र सरकार वसूल करेगी और उसे दोनों राज्यों में समान अनुपात में बांट दिया जाएगा।
जीएसटी लागू होने से हर प्रकार की खरीद फरोख्त इस कर व्यवस्था के तहत आ जाएगी, जिससे लोगों के लिए करों की चोरी कर पाना आसान नहीं होगा। कहा जा रहा है कि जीएसटी काले धन से निपटने के लिए एक मजबूत हथियार साबित होगा।
सरकार के अनुसार, जीएसटी आज़ादी के बाद टैक्स सुधार का सबसे बड़ा कदम है। इससे जीडीपी में वृद्धि और रोज़गारों का सृजन होगा। 13वें केंद्रीय वित्त आयोग के अनुसार जीएसटी से कर संकलन में हो रहे कई तरह के व्यर्थ के खर्चों को रोकने में भी इससे सहायता मिलेगी और इससे राज्यों की आर्थिक हालात में सुधार होगा।
विश्व के लगभग 160 देशों में जीएसटी की कराधान व्यवस्था लागू है। भारत में इसका विचार अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा साल 2000 में लाया गया।
जानकारों की राय में शुरुआती तीन सालों में जीएसटी महंगाई बढ़ाने वाला टैक्स साबित होगा, जैसा मलेशिया और अन्य देशों के उदाहरणों से स्पष्ट है। अभी हम सारी सेवाओं पर लगभग 14.5 फीसदी सर्विस टैक्स दे रहे हैं, जो जीएसटी लागू होने पर 18% से 22% के बीच हो जाएगा। यानी कि जीएसटी लागू होने के बाद सिनेमा हॉलों के टिकट, होटल का बिल, बैंकिंग सेवा, यात्रा टिकट आदि महंगी हो जाएंगी।
Source: NDTV