बजट 2017: कैशलेस ट्रांजैक्शन पर सरकार दे सकती है कई सौगात


नोटबंदी के बाद जिस तरह से देश में कैश की किल्लत हुई है, उसे देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट में आपको कई राहत दे सकते हैं। जिससे कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दिया जा सके। इसके तहत टैक्स छूट से लेकर दूसरे कई इन्सेंटिव के ऐलान हो सकते हैं किस तरह की मिल सकती […]


digital-india-payment-22नोटबंदी के बाद जिस तरह से देश में कैश की किल्लत हुई है, उसे देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट में आपको कई राहत दे सकते हैं। जिससे कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दिया जा सके। इसके तहत टैक्स छूट से लेकर दूसरे कई इन्सेंटिव के ऐलान हो सकते हैं

किस तरह की मिल सकती है छूट

सूत्रों के अनुसार, बैंकों ने कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली से टैक्स इन्सेंटिव देने की बात कही है। इसके तहत इस तरह के प्रावधान किए जा सकते हैंं कि एक तय लिमिट तक कैशलेस ट्रांजैक्शन पर आपको टैक्स छूट मिल जाय। इसके लिए ट्रांजैक्शन कॉस्ट में कमी लाने की भी डिमांड बैंकों के तरफ से की गई है।

कैसे मिलेगी टैक्स छूट

एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार को टैक्स इन्सेंटिव देना चाहिए। इसके तहत ऐसे प्रावधान किए जा सकते हैं। जिसमें आपको साल में 50 हजार रुपए तक के डिजिटल ट्रांजैक्शन पर टैक्स में छूट दी जाय। अगर आप साल में 50 हजार रुपए का ट्रांजैक्शन करते हैं, तो उस पर एक लिमिट तक आपको टैक्स नहीं देना होगा।

ट्रांजैक्शन कॉस्ट हो सकती है कम

अभी कस्टमर को डेबिट, क्रेडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन पर 1.5 से 3 फीसदी तक ट्रांजैक्शन चार्ज दुकानदार को देना पड़ता है। इस मामले में आरबीआई ने 31 दिसंबर 2016 तक ट्रांजैक्शन कॉस्ट को खत्म कर दिया था। जिसे फिर से जनवरी 2017 से लागू कर दिया गया है। ऐसे में बजट में बैंकर्स के तरफ से ये डिमांड आई है कि सरकार ट्रांजैक्शन कॉस्ट को कम करें। अगर वह ऐसा करती है, तभी कैशलेस इकोनॉमी को बनाने में मदद मिलेगी।

आधार पेमेंट ऐप पर होगा फोकस

यूआईडीएआई से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार आधार पेमेंट ऐप से हमारा फोकस है कि हम ज्यादा से ज्यादा ऐसे लोगों तक कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दें, जो इंटरनेट से दूर हैंं। इसके लिए अहम कदम उठाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, ग्रामीण इलाकों और छोटे कस्बों में आधार बेस्ड पेमेंट ऐप को दुकानदारों को बीच लोकप्रिय बनाने के लिए भी इन्सेंटिव दिए जा सकते हैं। जिसमें कैशबैक से लेकर ट्रांजैक्शन चार्ज में अलग से कटौती की जा सकती है।

Source: Money Bhaskar

No Comments Yet

Leave a Reply

Your email address will not be published.

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>


*