केंद्रीय एमएसएमई मिनिस्टर कलराज मिश्र ने कहा है कि बजट 2017-18 में एमएसएमई सेक्टर को बड़ी राहत दी गयी है। छोटी कंपनियों के लिए इनकम टैक्स को कम करने और मुद्रा योजना के तहत कर्ज देने के लक्ष्य को दोगुना किया गया है।
साथ ही बजट में ऐसा कई घोषणाऐं की गयी है जिससे छोटे उद्यमियों को अधिक से अधिक फायदा होगा।
कलराज ने कहा कि विमुद्रीकरण के दौरान एमएसएमई को कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। लेकिन सरकार के बजट में उठाये गए क़दम से एमएसएमई क्षेत्र में 50 करोड़ रुपये तक का कारोबार कर रही कंपनियों को टैक्स में राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि साल 2017-18 के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत के ऋण देने के लक्ष्य को दोगुना करके 2.44 करोड़ लाख रुपये तक किया जायेगा जिससे भी छोटे उद्यमियों को सबसे अधिक फायदा होगा।
मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने युवाओं के कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट) और उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाने पर भी जोर दिया है। जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में कुशल कार्यबल को बढाएगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एसएमई कंपनियों को और अधिक सक्षम बनाने के लिए व कंपनी के प्रारूप की ओर ले जाने के उद्देश्य से, जिन छोटी कंपनियों का टर्न ओवर 50 करोड़ है, के टैक्स को 5 प्रतिशत कम करके 25 फीसदी कर दिया है।
साल 2017-18 के लिए बजट के प्रस्तावों का अनावरण करते हुए जेटली ने कहा, “साल 2015-16 के आंकड़ों के अनुसार 6.94 लाख कंपनियों ने रिटर्न फाइल किया है जिनमें से 6.67 लाख कंपनियां इस श्रेणी में आती हैं। इसलिए प्रतिशत के अनुसार 96 फासदी कंपनियों को कम टैक्स सिस्टम का लाभ होगा।”
जेटली ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने वित्तीय पोषण में काफी योगदान दिया है। पिछले साल हमने 1.22 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य पार किया था। चालू वर्ष 2017- 18 के लिए हमने ऋण लक्ष्य को दोगुना 2.44 लाख करोड़ रुपये किया है।