बजट 2017 काउंटडाउन: वित्त मंत्री 6 मोर्चों पर टैक्स संबंधी बड़े फैसलों का ऐलान कर सकते हैं


आम बजट 2017 को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली से उम्मीदें दिन ब दिन बलवती ही होती जा रही हैं, खासतौर से टैक्स के मोर्चे पर. कहा जा रहा है कि विमुद्रीकरण के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़े असर को साधने के लिए इनकम टैक्स स्लैब से जुड़े अहम किए जा सकते हैं. निवेशकों की नजर […]


budget - iStockआम बजट 2017 को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली से उम्मीदें दिन ब दिन बलवती ही होती जा रही हैं, खासतौर से टैक्स के मोर्चे पर. कहा जा रहा है कि विमुद्रीकरण के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़े असर को साधने के लिए इनकम टैक्स स्लैब से जुड़े अहम किए जा सकते हैं.

निवेशकों की नजर जेटली द्वारा ऐसे ऐलान किए जाने पर नजर है जिनसे ग्रोथ को रफ्तार मिल सके. स्टेट बैंक शोध की एक रिपोर्ट में  बैंक की मुख्य आर्थिक सलाहकार और महा प्रबंधक आर्थिक शोध विभाग सौम्या कांती घोष ने कहा है, ‘छूट देने से सरकारी खजाने पर 35,300 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा लेकिन हमें आय घोषणा योजना-दो के राजस्व और रिजर्व बैंक की निरस्त नोट देनदारी से संतुलित होने की उम्मीद है.’ यह भी कहा गया है कि- आय घोषणा योजना (IDS) के तहत करीब 50,000 करोड़ रुपये की कर वसूली और नोटबंदी की वजह से निरस्त देनदारी के तौर पर करीब 75,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है.

बजट में करों के संबंध में ये 6 ऐलान संभव हैं-

अर्थशास्त्री जेटली  द्वारा सर्विस टैक्स के बाबत की जाने वाली घोषणा पर भी नजर रखे हुए हैं. जानकार मानते हैं कि जेटली सर्विस टैक्स जोकि अभी 15 फीसदी है, को बढ़ा सकते हैं. एसएमसी सिक्यॉरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा- गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स (जीएसटी)  के रेट्स के साथ तालमेल बिठाने के लिए हो सकता है कि सर्विस टैक्स इस बार बजट में 1  फीसदी बढ़ा दिया जाए. बता दें कि 1 जुलाई से लागू होने की बात कही जा रही है जीएसटी.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया टैक्स रेट्स में कोई बदलाव नहीं देख रहा. एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है- आयकर छूट सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपए किया जा सकता है और बैंकों में पांच साल की सावधि जमा के बजाय तीन साल की सावधि जमा पर कर छूट दी जा सकती है. इस रिपोर्ट के अनुसार, आगामी बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा बढ़ सकती है. आयकर की धारा 80C के तहत विभिन्न निवेश और बचत पर मिलने वाली छूट सीमा भी बढ़ाई जा सकती है.

व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा (60 साल से कम आयु के लोगों के लिए) मौजूदा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाई जा सकती है. अलग अलग जानकार और अर्थशास्त्री इस बाबत अलग अलग तर्क व अनुमान रख रहे हैं. कुछ जानकर मानते हैं कि यह लिमिट ढाई लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख की जा सकती है जबि कुछ का मानना है कि यह साढ़े तीन लाख तक भी की जा सकती है. वहीं ईवाई का सर्वे कहता है कि सरकार को साधारण आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये प्रति वर्ष करना चाहिए और कंपनियों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन और कटौती जारी रखनी चाहिए ताकि नोटबंदी के बाद उपभोग मांग और निजी निवेश को बढ़ाया जा सके.

पिछले बजट में जेटली  ने सेक्शन 80CCD (1) के तहत नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश करने पर  50 हजार रुपए अतिरिक्त टैक्स छूट की अनुमति दी थी. यानी, कुल मिलाकर आप 2 लाख रुपए की छूट ले सकते थे. ये  80C और 80CCD दोनों के तहत निवेश करने पर मिलती है. अब इसमें, जानकार कहते हैं कि, सेविंग इंट्रेस्ट रेट कम होने के कारण 50 हजार रुपए से ढाई लाख रुपए तक की छूट मिलनी चाहिए.

एसबीआई को आशा है कि सरकार हाउसिंग लोन के तहत मौजूदा होमलोन खरीददार को ब्याज पर छूट दो लाख रुपए की मिलती है. इस छूट को ढाई लाख रुपए किए जाने के लिए कहा जा रहा है. देश में इस वक्त करीब 75 लाख होमलोन बायर हैं तो ऐसे में होमलोन इंट्रेस्ट में मिलने वाली छूट के 2 से ढाई लाख होने से उन्हें सीधा फायदा होगा.

बैंकों में पांच साल की सावधि जमा के बजाय तीन साल की सावधि जमा पर कर छूट दी जा सकती है. यह बात कही है एसबीआई की रिपोर्ट में.

Source: NDTV

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